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मचान: August 2009
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मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना! मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना. ©. सर्वाधिकार सुरक्षित 2010-2013.कुमार संतोष. रविवार, 23 अगस्त 2009. TUM" ko toda maine jab bhi. Akshar(alphabet) maine do paya. TU" se tum ho"M" se main hoon. Raaz samajh main jab aaya. Tum to kewal tum nahi ho. Main bhi kewal main hi nahin hoon. Ya fir keh lo hum hi hum hain. Fir kahe ki baat ka gum hain. Todo modo shabd banao. TU" se tumhara "M" se man hai. Kuch sheetal hai kuch chandan hain. Kuch sheetalta mujko de do. कमज...
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मचान: February 2011
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मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना! मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना. ©. सर्वाधिकार सुरक्षित 2010-2013.कुमार संतोष. रविवार, 13 फ़रवरी 2011. वक़्त,. आज फिर तेरी. देहलीज़ से गुजरा. ख्वाब के टुकड़े पड़े थे राह में. चंद साँसे बैठ कर. सोंचा वहाँ. रातरानी फिर से. बो दूँ राह में. खुशबुओं की. फिर फसल लहरायेगी. डाल पर झूले पड़ेंगे प्यार के. फिर हवा जुल्फों से खेलेंगी कहीं. कोयलें छेड़ेंगी राग मल्हार के. फिर मेरे आँखों में आँसू आ गया. दफ्न वो ख़त है. अभी तक सीने में. तो भी क्या. दिल के करीब. 1) अंकुर. वन्...
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मचान: May 2011
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मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना! मचान" ख्वाबो और खयालों का ठौर ठिकाना. ©. सर्वाधिकार सुरक्षित 2010-2013.कुमार संतोष. बुधवार, 11 मई 2011. ख़ामोशी की भी एक ज़ुबां होती है. ख़ामोशी की भी एक ज़ुबां होती है. आँखों में भी अनकही दास्ताँ होती है. बिना लफ़्ज़ों के सुने कोई दिल की. ज़ुबां. मगर जिंदगी कब हर वक़्त मेहरबाँ होती है. यादों से आज मेरी मुलाक़ात हो गई. जो बात तेरी निकली तो रात हो गई. तुझसे जुदाई वाले जो पल मुझे मिले. आसमां भी रो पड़ा और बरसात हो गई. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! लेबल: रुबाई. शु्...हि&...
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मैं:सहज और सरल : 2013-03-17
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मैं:सहज और सरल. शनिवार, 23 मार्च 2013. प्रेमचंद के निधन पर प्रकाशित दुर्लभ कविता:लेखक श्री गौरीशंकर मिश्र "द्विजेन्द्र". प्रेमचंद. प्रेमचंद तुम छिपे! किन्तु यह नहीं समझा था. प्रेमसूर्य का अभी कहाँ हुआ उदय था. उपन्यास और कथा जगत तमपूर्ण निरुत्तर. दीप्यमान था अभी तुम्हारा ही कर पाकर. अस्त हुए रूम. वृत यहाँ छा गया अँधेरा. लिया आंधी ने डाल तिमर में आन डेरा. उपन्यास है सिसकता रहा. रो रही कहानी. देख रहे यह वदन मोड़ कैसे तुममानी. आपस कर चिर बैर-भाव को मार भगाया. रोती हिंदी इधर. आज नहीं तुम! इसी अंक ...Pinterest...
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मैं:सहज और सरल : भारतीय दर्शन और चिंतन:समझने का एक प्रयास
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मैं:सहज और सरल. रविवार, 9 दिसंबर 2012. भारतीय दर्शन और चिंतन:समझने का एक प्रयास. संस्कृत का. भारतीय दर्शन मुख्यतः दो धाराओं. में बटा हुआ माना जा सकता हैं . वैदिक. या आस्तिक दर्शन और. नास्तिक या. वैदिक दर्शन. वैदिक दर्शन जिसे षडदर्शन. Group of 6 Philosophies). वैदिक दर्शन की धारायें:- न्याय,वैशेषिक,सांख्य,योग,मीमांसा और वेदांत हैं. न्याय दर्शन:. इस दर्शन का प्रवर्तक महर्षि गौतम. करना न्याय दर्शन का मुख्य प्रयोजन हैं. में बौद्ध विद्वानों. न्याय दर्शन को मिल. रही इस तगड़ी चुनौत...द्वारा. किया गय...ने ...
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मैं:सहज और सरल : 2013-01-06
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मैं:सहज और सरल. बुधवार, 9 जनवरी 2013. गंगा की सफाई और प्रयाग कुम्भ २०१३. जन्म के समय. दूधमुहें बालक जैसा. शुद्ध होता है हर प्राणी. अंडे की कैद को तोड़ने वाला रोयेंदार चूज़ा. माँ के थन पर हुमकता गाय का बच्चा. या नंग धडंग नवजात शिशु. जिसे थप्पड़ मरकरलय जाता हैं ,चेतना के आदि क्षणों में. मगर कालप्रवाह के साथ बहते बहते. आत्मा में उतरने लगती है कलुषता. और पानी को गंदला कर देती है. रूढियां और धर्म सिद्धांत. राख और अस्थियां. मृतको के मुरझाये पुष्पगुच्छ. और भरी दोपहर. रिसता पसीना. लेबल: लेख. नई पोस्ट. मेर&...
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मैं:सहज और सरल : पाकिस्तान के वज़ीर-ऐ-खारजा से इक हिन्दुस्तानी की इल्तजा
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मैं:सहज और सरल. शुक्रवार, 14 दिसंबर 2012. पाकिस्तान के वज़ीर-ऐ-खारजा से इक हिन्दुस्तानी की इल्तजा. जनाब मलिक साहब. २६/११ के मुल्जिमान को कानून के जद में लाकर उन्हें सज़ा दिलवाइए. ताल ठोंक कर कहिये कि दहशतगर्दों के केम्पो का हिंदुस्तान और पाकिस्तान मिलकर सफाया करेंगे. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: पाकिस्तान. कोई टिप्पणी नहीं:. एक टिप्पणी भेजें. नई पोस्ट. पुरानी पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. ब्लॉग आर्काइव. 3 माह पहले. Dard-I-Is...
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मैं:सहज और सरल : 2012-12-09
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मैं:सहज और सरल. शुक्रवार, 14 दिसंबर 2012. पाकिस्तान के वज़ीर-ऐ-खारजा से इक हिन्दुस्तानी की इल्तजा. जनाब मलिक साहब. २६/११ के मुल्जिमान को कानून के जद में लाकर उन्हें सज़ा दिलवाइए. ताल ठोंक कर कहिये कि दहशतगर्दों के केम्पो का हिंदुस्तान और पाकिस्तान मिलकर सफाया करेंगे. प्रस्तुतकर्ता. कोई टिप्पणी नहीं:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: पाकिस्तान. रविवार, 9 दिसंबर 2012. संस्कृत का. या आस्तिक दर्शन और. नास्तिक या. Group of 6 Philosophies).
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मैं:सहज और सरल : 2012-10-21
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मैं:सहज और सरल. शनिवार, 27 अक्तूबर 2012. गज़ल गोई. इसी उन्नत रूप में यह काव्य विधा खड़ीबोली में उर्दू गज़ल के रूप में परवान चढ़ी. इस विधा के अपने कुछ उसूल और कायदे है.जो इसे कसावट भरा और गीतात्मक बनाते हैं कहते हैं गज़ल कहना आसान भी है और मुश्किल भी .बस प्रयास किया हैं. इश्क मेरा बेमौत क्योंकर मरे ऐ बेवफा. जियेगा ये कमबख्त लिए तेरे ऐ बेवफा. सोती रातों को जगां हूँ मैं बेखुद होकर. तू रकीब पर इनायत करे ऐ बेवफा. उम्मीद में कि इधर नज़र फिरे ऐ बेवफा. प्रस्तुतकर्ता. इसे ईमेल करें. लेबल: गज़ल/Gazal. मेर...
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Abhilasha : November 2013
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Monday, November 25, 2013. आरुषि हत्याकांड . : कसूरवार कौन? नीलिमा शर्मा. Links to this post. Monday, November 11, 2013. 13 नवंबर: लक्ष्मी कृपा पाने का एक और दिन, करिए इन में से कोई 5 काम.साभार दैनिक भास्कर . कॉम. इस बुधवार से सभी मांगलिक कार्य पुन: प्रारंभ हो जाएंगे।. यह पोस्ट दैनिक भास्कर .कॉम से कॉपी की गयी हैं. Links to this post. Labels: #भक्ति #तुलसी # एकादशी # कार्तिक. Subscribe to: Posts (Atom). व्यक्तिगत ज़िन्दगी. गर्मी की छुट्टी और माँ. 160;पीछे मुढ कर देखती ह&...160; तुम्ह...अब तो थक...
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