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सृजन _शिखर: December 2012
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सृजन शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां. अब तक कितने. लेख / अन्य. क्षणिकायें. 169; कापीराइट. आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है? मेरे बारे में. परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें. Monday, December 24, 2012. कुछ क्षणिकायें. हम तो थे परिंदा. हमारी हर उड़ान के साथ. अपने लोग भी हमें. अपने दिलों से. उड़ाते गये. आलम अब ये है की. हम याद भी करें तो. उनको याद नहीं आते है।।. हमें आदत थी. उनके हर चीज को. सम्हालकर रखने की. उनके दिए हर दर्द को भी. हम दिल में. सम्हालकर रखते गए. उनके हर इल्जाम. यह होगा. Links to this post.
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सृजन _शिखर: July 2011
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सृजन शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां. अब तक कितने. लेख / अन्य. क्षणिकायें. 169; कापीराइट. आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है? मेरे बारे में. परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें. Thursday, July 21, 2011. जो लौट के घर ना आयें.(कारगिल युद्द - मई से जुलाई 1999 ). जो लौट के घर ना आयें. दुश्मनों को इस सरजमीं से खदेड़ हमने अपना वादा निभाया. लो सम्हालो ये देश प्यारों अब अलविदा कहने का वक्त आया .।।. नापाक इरादे. कर आये थे वे पलभर. में हमने खाक कर दिया. उपेन्द्र नाथ. Links to this post. Labels: कविता. नये ...
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सृजन _शिखर: August 2011
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सृजन शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां. अब तक कितने. लेख / अन्य. क्षणिकायें. 169; कापीराइट. आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है? मेरे बारे में. परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें. Sunday, August 7, 2011. हिना रब्बानी की मुस्कराहट और उनके चेलों का कारनामा. Courtesy:- Himalini Hindi Mgzn). पाकिस्तानी. आतंकवादियों ने दो. जवानों. धड़ से अलग कर दिए. में सिर ले गए।इस नृशंस घटना से भारतीय सेना. खबरों के मुताबिक इस बात की पुष्टि की. एक अपील मिडिया और मानव अधिकारोæ...उपेन्द्र नाथ. Links to this post. नये द...
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सृजन _शिखर: October 2012
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सृजन शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां. अब तक कितने. लेख / अन्य. क्षणिकायें. 169; कापीराइट. आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है? मेरे बारे में. परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें. Tuesday, October 23, 2012. कुछ क्षणिकायें. लोकतंत्र. लोकतंत्र. मुस्कराता. लोकतंत्र. बेचारा. चढ़ाया. कसाईखाने. गाय की गुहार थी. हे भगवन मुझे बचा ले .।।. नेताजी. उंगुलियों. क्यों नहीं नाची. पीढ़ी. पीढ़ी. तुम्हारे. जिन्दगी. कटोरियों. जिन्दगी. पेप्सी. बोतलों. तुम्हाता. ढूंढ़. जिन्दगी. बोतलों. जिन्दगी. 6 चुनाव. साड़ी. Links to this post.
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अंदाज़े ग़ाफ़िल: November 2015
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कुछ अधूरा सा. कुण्डलियां. क्षणिकाएँ. रुबाइयाँ. शब्बाख़ैर! शुभकामना. सुप्रभात! हास्य-व्यंग्य. ग़फ़लतों की दुनिया. Kd10 से यूनिकोड. बेसुरम्. फ़ेसबुक पर अनुसरण करें-. चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’. मेरे बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ. क्लिक करें. मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें. रविवार, नवंबर 29, 2015. लगे क्यूँ मगर हम अकेले बहुत हैं. अगर देखिएगा तो चेहरे बहुत हैं. लगे क्यूँ मगर हम अकेले बहुत हैं. चलो इश्क़ की राह में चलके हमको. ये माना के है ख़ूबसूरत जवानी. मुसाफ़ात=दोस्ती. 8216;ग़ाफ़िल’. 1 टिप्पणी:. चन्द्र भ...इसे...
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चर्चामंच: "चहकी कोयल बाग में" {चर्चा अंक - 1970}
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Saturday, May 09, 2015. चहकी कोयल बाग में" {चर्चा अंक - 1970}. मित्रों।. शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।. देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।. डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'). रोज होता है. होता चला आ रहा है. बस मतलब रोज का रोज. बदलता चला जाता है. उलूक टाइम्स. पर सुशील कुमार जोशी. दो कुण्डलियाँ-कोयल चहकी". कह “मयंक” कविराय, आज शाखाएँ बहकी।. होकर भावविभोर, तभी तो कोयल चहकी।।. पथ का मूयांकन. पथिक नहीं. मंजिल करती है. पर udaya veer singh. पर विशाल चर्चित. नहीं बजाती. आस का दीपक. बावरा मन. MaiN Our Meri Tanhayii.
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चर्चामंच: "आशा है तो जीवन है" {चर्चा अंक - 1979}
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Monday, May 18, 2015. आशा है तो जीवन है" {चर्चा अंक - 1979}. मित्रों।. सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।. देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'). जीवन और आशा. जीवन है तो गति है. गति है तो घर्षण है. घर्षण है तो संघर्ष है. संघर्ष है तो शुष्कता है. शुष्कता है तो भंगुरता है. कुछ चिर परिचित से. नहीं लगते ये शब्द. अगर हाँ तो क्या. ये जीवन है. ये संबंध है. ये रिश्ते हैं. या ये रिसते हैं. जीवन है तो गति है. गति है तो घर्षण है. घर्षण है तो ऊष्मा है. उर्जा है तो. अंत है तो. तेरी...
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सृजन _शिखर: July 2012
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सृजन शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां. अब तक कितने. लेख / अन्य. क्षणिकायें. 169; कापीराइट. आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है? मेरे बारे में. परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें. Sunday, July 15, 2012. सोशल नेटवर्किंग साइट्स की आभासी दुनिया. उपेन्द्र नाथ. Links to this post. Labels: लेख / अन्य. Wednesday, July 4, 2012. इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग की भाषा. AFAIK - As Far As I Know. AFC - Away From Computer. ASAP - As Soon As Possible. BAS - Big A* Smile. BBL - Be Back Later. BBN - Bye Bye Now. IC - I See.
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अंदाज़े ग़ाफ़िल: January 2017
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कुछ अधूरा सा. कुण्डलियां. क्षणिकाएँ. रुबाइयाँ. शब्बाख़ैर! शुभकामना. सुप्रभात! हास्य-व्यंग्य. ग़फ़लतों की दुनिया. Kd10 से यूनिकोड. बेसुरम्. फ़ेसबुक पर अनुसरण करें-. चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’. मेरे बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ. क्लिक करें. मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें. सोमवार, जनवरी 30, 2017. थोड़ी अलसाई दोपहरी. कुछ नीली कुछ पीली गहरी. मुझको अपने पास बुलाए. कुछ भी समझ न आए, हाए! लता विटप सी लिपटी तन पर. अधरों को धरि मम अधरन पर. कामिनि जिमि नहिं तनिक लजाए. कुछ भी समझ न आए, हाए! 8216;ग़ाफ़िल’. बुधवार,...लज़्...
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अंदाज़े ग़ाफ़िल: November 2016
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कुछ अधूरा सा. कुण्डलियां. क्षणिकाएँ. रुबाइयाँ. शब्बाख़ैर! शुभकामना. सुप्रभात! हास्य-व्यंग्य. ग़फ़लतों की दुनिया. Kd10 से यूनिकोड. बेसुरम्. फ़ेसबुक पर अनुसरण करें-. चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’. मेरे बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ. क्लिक करें. मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें. सोमवार, नवंबर 28, 2016. वक़्त गुज़रा तो नहीं लौट कर आने वाला. बात क्या है के बना प्यार जताने वाला. घाव सीने में कभी था जो लगाने वाला. काश जाता न कभी याँ से हर आने वाला. 8216;ग़ाफ़िल’. 2 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. Labels: ग़ज़ल. आईने कì...
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